संचालित परियोजनाएं- २९ (वृहद अनुदान-०१, मध्यम अनुदान-१५ एवं लघु अनुदान-१३)
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वित्तीय वर्ष २०१५-१६
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1 |
वन्य उत्पादों पर शोध एवं परिवर्तन कर उनका मूल्य संवर्धन कर हिमालयी समुदाय की आजीविका बढ़ाना। |
2 |
मध्य हिमालय में एकीकृत प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के द्वारा आजीविका सुधार की सतत् धारणा का विकास। |
वित्तीय वर्ष २०१६-१७
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3 |
अनिश्चित्ता के निपटान हेतु भारतीय हिमालयी क्षेत्र में परिवर्तनीय पर्यावरण हेतु समुदाय आधारित लचीले पारिस्थितिकीय तंत्र की स्थापना। |
4 |
उत्तर पश्चिम हिमालयी हिमांचल के पर्वतीय समुदायों हेतु पर्यावरण परिवर्तन रोधी एवं जैवविविधता संरक्षण हेतु वैकल्पिक आजीविकास अवसरों वाली अभिनव तकनीकों का विकास। |
5 |
हिमालयन उपक्षेत्र के शिमला एवं चंबा में पर्यटकीय हस्तक्षेप से पर्यावरणीय परिवर्तन की निगरानी एवं मूल्यांकन |
6 |
स्थानीय पारिस्थिति का संरक्षण, रामबांस रोपण द्वारा बंजर भूमि प्रबंधन एवं गांवों में आजीविका गतिविधियों के आधार हेतु संसाधनों उपलब्ध करना। |
7 |
कश्मीर घाटी में निर्धन ग्रामीणों के बीच स्थानीय तापमान के अनुरूप कट पुष्प बल्ब उत्पादन कर आजीविका सुधार एवं सशक्तिकरण। |
वित्तीय वर्ष 2017-18
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8
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नगरीय -ग्रामीण पारिस्थितिकी को न्यूनतम क्षति पहुंचाकर संसाधन क्षमता का अधिकतम उपयोग हेतु हस्तक्षेप योग्य रणनीतियों बनाकर भारतीय हिमालयी लोगों की आजीविका अवसरों में सरलता एवं गुणवत्ता वृद्धि। |
9
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पर्वतीय उत्तराखण्ड और हिमाचल प्रदेश के पारिस्थितिक तंत्र में युवाओं और महिलाओं के बीच सतत् पर्यटन अवसरों को विकसित कर उनकी आय वृद्धि एवं आजीविका विकल्प देना। |
10
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पश्चिमी रामगंगा नदी के उत्पत्ति स्थल दुधातोली क्षेत्र की महिलाओं पर केंद्रित काम द्वारा कुमाऊॅ और गढ़वाल के सीमांत पर्वतीय किसानों के लिए प्राकृतिक संसाधन आधारित आजीविका और रोजगार विकल्पों का विकास। |
11 |
उत्तराखण्ड के गढ़वाल व कुमाऊॅ क्षेत्रों में तापीय बागवानी फसलों में अभिनव कार्य कर आजीविका विकास। |
12 |
हिमांचल प्रदेश में कृषक महिलाओं में खाद्य सुरक्षा, आजीविका एवं उद्यमिता हेतु कार्यकारी खाद्य शोध एवं विकास केंद्र की स्थापना एवं विकसित तकनीकों का प्रसार। |
13 |
ग्रामीण त्रिपुरा में आजीविका सुधार हेतु महिलाओं के लिए अनुकूल आजीविका उद्यम का कृषि आधारित पर्यावरण अनुकूल विकास एवं उत्थान। |
14 |
पूर्वी हिमालय में कार्बन पृथक्करण और आजीविका सुधार पर विशेष ध्यान देने के साथ सतत् परम्परागत प्रबंधन कार्यों का आंकलन एवं दस्तावेजीकरण तथा सत्यापन। |
15 |
भारतीय उत्तर-पूर्वी कच्छ भूमि मछुवारों की आर्यवर्धन, रोजगार सृजन एवं अच्छी आजीविका हेतु पर्यावरण अनुकूलित संलग्न/घेरा कृषि तकनीक को कृषि बढ़ाना। |
16 |
जम्मू एवं कश्मीर के राजौरी जिले में वैज्ञानिक पद्धति से मधुमक्खी पालन कर जनजातीय लोगों में उद्यमिता विकास। |
17 |
कंचनजंघा क्षेत्र में आजीविका एवं प्राकृतिक संरक्षण से जोड़ते हुए समुदाय आधारित सतत् पर्यटन को प्रोत्साहन। |
18 |
उत्तर पश्चिम हिमालय में केसर की मूल्य श्रंखला बनाकर युवाओं एवं महिलाओं को सशक्त कर जैविक हरित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा। |
19 |
उत्तराखण्ड एवं हिमांचल प्रदेश में वन आधारित गाॅवों में सामुदायिक चारा बैंकों की स्थापना। |
20 |
हिमालय के लिए चुनौती बने चीड़ पत्तियों का जैव-रूपांतरण कर अगली पीढ़ी के लिए जैव ईधन बनाना। |
21 |
पर्यावरण और स्थानीय सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण करते हुए युवाओं एवं महिलाओं को सतत् आजीविका विकल्पों को सुनिश्चित करने के लिए टिहरी बाॅध परिधि क्षेत्र में पर्यटन का प्रचार। |
22 |
पूर्वी हिमालय, अरुणांचल प्रदेश में संरक्षित क्षेत्रों में एवं वहां के स्थानीय लोगों लिए एक संभावित आजीविका विकल्प के रूप में वन्य जीवन एवं प्रकृति आधारित पर्यटन की तलाश। जैव विविधता संरक्षण हेतु एक सतत् दृष्टिकोंण। |
23 |
हिमालयी मधुमक्खी पर्यवेक्षण एवं संग्रहालयः दार्जिलिंग के वन आच्छादित गाॅवों के सतत् विकास दिशा हेतु दस्तावेजीकरण, निगरानी एवं शोध। |
24 |
लद्दाख के ठण्ड शुष्क इलाकों में आजीविकास सुधार हेतु गुणवत्तापूर्ण कंद के माध्यम से केसर उत्पाद । |
25 |
कश्मीर घाटी में सेब उत्पादन पर पर्यावरणीय परिवर्तनों के प्रभावों, अनुकूलित किस्मों की छटनी। |
26 |
उत्तर पश्चिमी हिमालय में ग्रामीण आजीविका और निर्णय समर्थन प्रणाली हेतु गैर काष्ठ जैव संसाधनों की उपलब्धता, उपयोग और डिजिटल दस्तावेज। |
27 |
तकनीकी हस्तक्षेप कर पर्वतीय महिला कृषकों के पोषण और स्वास्थ्य की स्थिति सुधार हेतु रणनीतियां। |
28 |
लघु जल विद्युत परियोजना के जलक्षेत्रों के परितः समुदाय आधारित वन प्रबंधन एवं ईकोटूरिज्म के द्वारा जैव विविधता का संरक्षण एवं आजीविका विकास। |
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अरूणंाचल प्रदेश के मंेगियो क्षेत्र में बड़ी इलायची और अन्य बहुस्तरीय अभिनव खेती एवं इसके सत्त ग्रामीण आजीविका पर प्रभाव। |