दृष्टिकोण
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भारतीय हिमालयी क्षेत्र के पारिस्थितिक, प्राकृतिक सांस्कृतिक सामाजिक-आर्थिक पूंजीगत संपत्ति और मूल्यों का समर्थन तथा संवर्द्धन और निर्वाह करना।
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विशेष कार्य- (मिशन)
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भारतीय हिमालयी राज्यों के पारिस्थितिक प्राकृतिक] सांस्कृतिक एवं सामाजिक आर्थिक पूंजीगत संपत्ति और मूल्यों के संवर्द्धन और निर्वहन की दिशा में नए अध्ययनों से सम्बंधित ज्ञान हस्तक्षेप ¼पुरातन मार्ग से हटकर½ को शुरू करना।
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लक्ष्य -
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राष्ट्रीय हिमालयी अध्ययन मिशन ने बद्ध एवं पूरक लक्ष्यों के एक समूह की दिशा में काम करने की परिकल्पना की गई है जिसमें सम्मिलित है-
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1- प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और सतत् प्रबंधन को बढ़ावा देना।
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2- भारतीय हिमालयी क्षेत्र में निवासित लोगों और क्षेत्र में समग्र आर्थिक और पारिस्थितिकीय हेतु पूरक और वैकल्पिक आजीविका को प्रोत्साहित करना।
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3- क्षेत्र में प्रदूषण को नियंत्रित करना और रोकना।
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4- क्षेत्र में मानवीय और संस्थागत क्षमताओं और ज्ञान और नीति के वातावरण को बढ़ावा देना।
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5- हरियाली को बढ़ावा देना और पर्यावरण अनुकूलित केंद्रीय निर्माण और बुनियादी सेवाओं की संपत्ति को सुदृढ़ करना।
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उद्देश्य -
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मिशन के उद्देश्यों में निम्नलिखित शामिल है-
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1- संस्थागत सृदृढ़ीकरण और क्षमता निर्माण के साथ साथ माग संचालित क्रियात्मक शोध और तकनीकी नवाचारों के द्वारा वैज्ञानिक और पारम्परिक ज्ञान की एक इकाई को स्थापित करना।
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2- स्थानीय क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर पारिस्थितिक जल आजीविका सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हिमालय के प्राकृतिक संसाधनों के स्थायी प्रबंधन के लिए अग्रणी तकनीकी नवाचारों को मजबूत करना।
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3- विषयगत क्षेत्रों में समस्याओं के समाधान में लगे नीति निर्माताओं और कार्यकर्ताओं (व्यक्तिगत और संस्थान के नेटवर्क के द्वारा विज्ञान- नीति- अभ्यास का संयुग्मन करना।
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4- विषयगत क्षेत्रों में समस्याओं के समाधान हेतु व्यवहारिक लागू करने योग्य अनुकरणीय समाधानों का प्रदर्शन करना।
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